सच में अपना प्रदेश महान है. मैं केवल इतिहास के आधार पर ये दावे नहीं कर रहा हूँ. वो तो एक समय था कि यहाँ दुनिया भर के शिक्षार्थी पढ़ाई के लिए आते थे. नालंदा और तक्षशिला विश्वविद्यालय दुनिया भर में शोध का केंद्र हुआ करता था. ये सब इतिहास की बातें हैं. आज मैं वर्तमान की बात कर रहा हूँ. ये तो सभी मानते हैं कि बिहार के लोग पढाई के लिए कहीं भी जा सकते हैं और किसी हद तक जा सकते हैं. मेहनत करने में इनका कोई मुकाबला नहीं कर सकता. अब देखिये ना. घर से कोचिंग की फीस नहीं मिली तो, तो इसका भी उपाय निकल लिया. कोचिंग वाले से पहले तो कहा कि आप मुफ्त में पढ़ा दें. जब वे राजी नहीं हुए, तब वहां बमबाजी भी की. लाठियां भी भांजी. हवाई फायरिंग भी की. सब के पीछे मनसा कोई लूटपाट की नहीं थी. पढाई करने की थी. दुनिया वालों जरा सोचिये. हम लोग पढाई के लिए क्या कुछ नहीं कर सकते.....
हम लोगों को मौका नहीं मिलता। इस घटना ने एक बात तो साफ़ कर ही दिया है कि हम लोगों में पढने की कितनी ललक है। काश दुसरे प्रदेशों की तरह यहाँ भी पढने की सुविधा होती।
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